Thursday, February 26, 2009

आर्थिक संकट के दौर में दरियादिली की मिसाल

सदियों से अमरीका आप्रवासियों का ड्रीमलैंड रहा है, उसका सबसे बड़ा आकर्षण है, यहां की आर्थिक खुशहाली और हरएक को प्राप्त ऐसे सुअवसर कि वो जिस बुलंदी पर पहुंचना चाहता है उसके लिए अपनी किस्मत आज़मा सकता है.सरकार इसमें कोई रुकावट नहीं बनती, लेकिन कुछ करने और पाने की भावना उनमें कड़ी होड़ पैदा कर देती है, जिससे इंसान का एक दूसरे के साथ रिश्ता कमज़ोर पड़ जाता है.

दूसरी और ये भी सच है कि मुश्किल के दौर में ही लोगों की इंसानियत की परख होती है. अमरीका में जब कि लाखों लोगों की नौकरियां चली गईं हैं, लोगों ने अपने घर खो दिए हैं, बहुत से लोग कम खाकर गुज़ारा कर रहें हैं, ऐसे में भी बहुत से अमरीकियों की दरियादिली में कोई कमी नहीं आयी है. ऐसी ही एक मिसाल हाल में ही देखने में आई कि ऐसे कठिन समय में एक महिला की किसी ने कैसे मदद की.

अपने दो बच्चों के साथ एक कस्बे से बड़े शहर में आने पर उसे छोटा- मोटा काम तो मिल गया पर गुज़ारा बड़ी मुश्किल से कर रही थी कि वो काम भी छूट गया. अपनी आख़री तनखाह के पैसे लेकर वो खाने पीने का सामान लेने के लिए उसी परिचित स्टोर में गई जहां वो अक्सर जाया करती थी पर उस दिन उसके दिमाग में बराबर ये घूम रहा था, इन पैसों से कुछ दिन तो गुज़र जायेंगे, लेकिन आँखे और उसकी आवाज़ उसका साथ नहीं दे रहीं थी. और जब भी कोई उससे हाल चाल पूछता, बरबस उसके मुहं पर हकीकत आ जाती कि उसकी नौकरी चली गयी है. बातें करते करते जब वो सामान के साथ काउंटर पर पहुंची और हिसाब होने के बाद उसने पैसे देने के लिए अपना हाथ बढाया, उसे सुनाई दिया कि आपके पैसे तो चुका दिये गये हैं, महिला के आश्चर्य का ठिकाना नहीं था, एक हाथ इशारा कर रहा था वो दरवाज़े के बाहर जा रहे व्यक्ति ने आपकी ग्रोसरी के पैसे अपना हिसाब चुकाते समय ही दे दिये थे. उसके मुहं से निकला कि बुरे समय में भी कुछ लोगों में इंसानियत कायम है....

5 comments:

  1. आपका हिंदी ब्लॉगजगत में स्वागत है।

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  2. अच्छा ब्लॉग है। पर मेरे ब्लॉग पर भी आएं। माफ कीजिए आपका पूरा परिचय यहां नहीं मिल सका है।

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  3. सच मुच ऐसे लोग बहुत कम ही होते हैं।जो मुसीबत के समय सहायता करते हैं। प्रेरक पोस्ट लिखी है।बधाई।

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  4. ब्लोगिंग जगत मे आपका स्वागत है
    शुभकामनाएं
    भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
    लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
    कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
    मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
    www.zindagilive08.blogspot.com
    आर्ट के लि‌ए देखें
    www.chitrasansar.blogspot.com

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