Wednesday, March 25, 2009

आई पी एल की सर्कस

अब ये बात तो तय है की इंडियन प्रीमियर लीग का दूसरा चरण भारत के बाहर दक्षिण अफ्रीका में खेला जायेगा. पिछले वर्ष जबरदस्त कामयाबी हासिल करने वाली इस लीग के भारत के बाहर जाने के कारन कई फैन्स मायूस है. पाकिस्तान में श्रीलंका की टीम पर हुए आतंकवादी हमलों के बाद भारत में क्रिकेट मैच से जुडी सुरक्षा को लेकर कई लोग और खिलाडी चिंतित थे, साथ ही भारत में हो रहे आम चुनावों के कारन सुरक्षा के कड़े इन्तजाम करना शायद मुश्किल था लेकिन बावजूद इसके ऐसी सफल लीग का देश से बहार जाना क्रिकेट फैन्स के लिए अच्छा नहीं है. लेकिन उस से भी कई ज्यादा, ये खिलाडियों के लिए और खास कर भारत में क्रिकेट के लिए बिलकुल ही बुरा साबित हो सकता है. आई पी एल के कमिशनर ललित मोदी ने शायद क्रिकेट के खेल से ज्यादा आई पी एल से जुड़े पैसे के बारें में सोचा है और इसी के कारन चाहे कुछ भी हो जाये वह इस लीग को रोकना या फिर थोड़े महीनो बाद भारत में आयोजित करना नहीं चाह रहे.

भारत में आम चुनाव होंगे ये बात तो कई महीनो से लोगों को मालूम है, जाहिर सी बात है की आई पी एल का कार्यक्रम तय करते समय आई पी एल से जुड़े लोगों को भी ये बात मालूम थी की भारत में इसी समय आम चुनाव होंगे. लेकिन आई पी एल की कमिटी इस बात को भूल गयी की दुनिया के सबसे बड़े आम चुनाव के समय सुरक्षा कर्मियों की जरूरत होगी और ऐसे समय में क्रिकेट में मैच के लिए सुरक्षा देना असंभव होगा. क्या आई पी एल का आयोजन निर्धारित समय से कुछ महीने बाद नहीं हो सकता?

दूसरी बात ये है की दक्षिण अफ्रीका के मैदान, वहां के पिचेस, वहां का माहौल, वहां का मौसम, ये सभी चीजे भारत से बिलकुल अलग है और शायद इन सभी चीजों का खेल पर असर हो सकता है. बल्लेबाजों से ज्यादा वहां की परिस्थिति गेंदबाजों के लिए मदतगार साबित हो सकती है जिस के कारन आई पी एल का मजा कम हो सकता है.

पहले चरण में आई पी एल के मुकाबलों में जादुई माहौल था, जोशीले फैन्स, नाच गाना, चीयर लीडर्स, बॉलीवुड स्टार्स इन सभी चीजों के कारन क्रिकेट का मजा दुगना हो गया. अब दक्षिण अफ्रीका में न तो आम भारतीय फैन्स होंगे और नहीं ही भारत जैसा जोशीला माहौल.

आई पी एल के ज्यादातर मैच छोटे मैदानों पर खेले गयें जिस के कारन ऐसे लोगों के लिए भी मैदान पर जाकर क्रिकेट देखना संभव हो गया जो आम तौर पर सिर्फ टीवी पर ही क्रिकेट देखते आयें थे. टिकेट भी शायद उतने मंहगे नहीं थे. लेकिन अब दक्षिण अफ्रीका में जाकर क्रिकेट देखना आम भारतीय फैन्स के लिए लगभग असंभव है.

जहाँ तक भारतीय टीम की बात है, टीम अभी भी न्यू जीलैंड के दौरे पर है और ये दौरा समाप्त होने के बाद टीम के सदस्यों को आई पी एल के लिए तैयार होने के लिए सिर्फ एक हफ्ते का समय मिलेगा और आई पी एल के बाद भी जून में उन्हें तुंरत २०/२० कप में खेलना पड़ेगा. घर से, देश से लगातार दूर रहेना, और फैन्स की अपेक्षाओं को पूरा करने का दबाव भी उनपर रहेगा जिसका असर उनके खेल पर हो सकता है. वहीं भारत के उभरते खिलाडियों को दुनिया के बेहतरीन खिलाडयों से मिलने का और उनके साथ प्रक्टिस करने का उनसे सिखने का सुनहरा मौका गवाना पड़ेगा.

भारत से दूर रहने वाले मेरे जैसे क्रिकेट फैन्स के लिए ये अभी भी समझना मुश्किल है की भारतीय लीग दक्षिण अफ्रीका में क्यों हो रही है? अमेरिका में खेले जाने वाले किसी भी व्यवसायीक खेल की लीग को कभी भी दुसरे देश में आयोजित नहीं किया जायेगा. आई सी सी के साथ मिलकर आई पी एल इस स्पर्धा के लिए नया समय निश्चित कर सकता था और दुनिया को भी दिखा सकता था की भारत में ऐसे माहौल में सुरक्षित तौर पर इतनी बड़ी स्पर्धा का आयोजन मुमकिन है.

आई पी एल एक सर्कस की तरह हो गया है, जिस में राजनेता अपना खेल खेल रहे हैं, तो आयोजक और टीम के मालिकों को सिर्फ अपना खेल खेलने में और पैसे बनाने में दिलचस्पी है. बाकि रहे खिलाडी और फैन्स जिनकी किसको फिकर है ?

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